Ajmer Sharif Dargah: मुस्लिम पक्ष पक्षकार ही नहीं, अजमेर शरीफ दरगाह विवाद पर कोर्ट ने आखिर किसको भेजा नोटिस?

मालूम हो कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वाद पर अजमेर में सिविल अदालत ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय और उसके काम करने वाली दरगाह कमेटी के साथ साथ भारतीय पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी किए हैं।

गुप्ता ने वाद में ही दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है।

अब इस मामले में 20 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष को पक्षकार नहीं बनायासिविल अदालत ने जो तीन विभागों को नोटिस जारी किए हैं, वह तीनों केंद्र सरकार से संबंधित है।

ख्वाजा साहब की दरगाह में धार्मिक दृष्टि से खादिमों और दीवान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

दरगाह की सभी धार्मिक रस्में इन दोनों पक्षों के द्वारा ही संपन्न करवाई जाती है, लेकिन इन दोनों महत्वपूर्ण पक्षों को पक्षकार नहीं बनाया गया है। ऐसे में मंदिर होने के दावे के संबंध में जवाब देने की सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की हो गई है।

दरगाह के खादिम समुदाय ने द प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट का भी हवाला दिया है।

इसमें अयोध्या के प्रकरण को छोड़कर अन्य सभी धार्मिक स्थलों पर 1947 वाली स्थिति को बनाए रखने की बात कही गई है।

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